चित्रकूट–प्रयागराज–वाराणसी 6 लेन एक्सप्रेसवे: रूट, फायदे और महत्व← Back to All Blogs
चित्रकूट–प्रयागराज–वाराणसी 6 लेन एक्सप्रेसवे: यूपी का नया विकास मार्ग
Published on: 24 Aug 2025 | Author: SATYA PRAKASH
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🚧 प्रस्तावना
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए तेजी से एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार कर रही है। इस कड़ी में चित्रकूट–प्रयागराज–वाराणसी 6 लेन एक्सप्रेसवे एक बड़ा कदम है। यह परियोजना न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्रीय विकास और पर्यटन को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।
📍 मार्ग (Route)
यह एक्सप्रेसवे लगभग 200 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर को जोड़ेगा। प्रमुख शहर और स्थान:
चित्रकूट (रामायण और धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र)
प्रयागराज (कुंभ नगरी और गंगा-यमुना-सरस्वती संगम)
वाराणसी (प्राचीन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी)
🛣️ मुख्य विशेषताएं
6 लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे, भविष्य में 8 लेन तक विस्तार योग्य।
हाई-स्पीड ट्रैफिक के लिए डिज़ाइन (100–120 किमी/घं गति)।
आधुनिक सुविधाएँ – टोल प्लाज़ा, फूड कोर्ट, पेट्रोल पंप, इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन।
हरित (Greenfield) तकनीक का उपयोग, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए।
🌆 लाभ (Benefits)
समय की बचत – चित्रकूट से वाराणसी का सफर जो अभी 5–6 घंटे लेता है, वह घटकर लगभग 2.5–3 घंटे रह जाएगा।
पर्यटन को बढ़ावा – धार्मिक तीर्थों तक आसान पहुंच से लाखों पर्यटक और श्रद्धालु लाभान्वित होंगे।
आर्थिक विकास – सड़क किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, लॉजिस्टिक हब और छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
रोजगार के अवसर – निर्माण व रखरखाव से हज़ारों युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
कृषि व व्यापार को प्रोत्साहन – किसानों व व्यापारियों को बड़े बाज़ार तक आसान पहुँच मिलेगी।
🏗️ वर्तमान स्थिति
सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, भूमि अधिग्रहण और DPR (Detailed Project Report) का काम तेजी से चल रहा है। आगामी कुछ वर्षों में यह परियोजना धरातल पर उतरकर उत्तर प्रदेश के विकास का नया अध्याय लिखेगी।